जिका वायरस( zika virus ) के लक्षण घरेलू उपचार व बचाव- Facts on Symptoms Prevention,Treatment of Zika Virus


Zika Virus (जीका वायरस), बहुत से लोग इस Virus से परचित नहीं होगे । इस Virus का संक्रमण हाल में कई जगहों में मिला है और दिन पर दिन बहुत ही तेजी से फैल भी रहा है| आखिरकार यह Zika Virus है क्या यह रोग का अस्तितव कहा से आया, इसके लक्ष्ण और इसके संक्रमण से कैसे बचा जा सकता है|



Zika Virus (जीका वायरस), मच्छरों के काटने से होने वाली वायरल बीमारी है। इसका वाहक येलो फीवर फ़ैलाने वाला मच्छर, एडीज ऐजिप्टी तथा एशियन टाइगर मच्छर है। एशियन टाइगर मच्छरों के द्वारा ही डेंगू और चिकनगुनिया फैलते हैं । यह वाइरस ब्राजील के अलावा, कोलंबिया, एक्वीडोर, एल सल्वाडोर, ग्वातेमाला, हायती, मैक्सिको आदि को मिलाकर लगभग 18 देशों में पाया गया है । जबसे साउथ अमेरिका के देशों में इसका संक्रमण बढ़ा तभी से वहां पर माइक्रोसिफेली microcephaly (नवजात बच्चों में सामान्य से छोटा सिर) से ग्रसित बच्चों की पैदाइश की संख्या भी बढ़ गई। माइक्रोसिफेली, एक एक बहुत ही गंभीर स्तिथि है क्योंकि इसमें सिर का आकार सामान्य से काफी छोटा होता है जिसके कारण संक्रमित बच्चो के मस्तिष्क का विकास भी ढंग से नहीं हो पाता है । इसके अतिरिक्त कान और आँखे भी प्रभावित हो जाती हैं और स्तिथि सामान्य नहीं रहती । जीका वायरस का संक्रमण गर्भवती महिलाओं से उनके नवजात बच्चों तक पहुँचता है ।


Zika Virus के सक्रमण से होने वाले बुखार से पीड़ित व्यक्ति के शरीर में दर्द रहता है, आंखों में सूजन होती है, उसे ज्वांइट पेन भी रहता है और साथ ही साथ शरीर में चकत्ते (दाग) जैसे पड़ जाते हैं । कभी-कभी इससे संक्रमित व्यक्ति पैरालैसिस का शिकार भी हो जाता है । कभी-कभी तो इसके लक्षण कुछ लोगों में नजर ही नहीं आते हैं। । इस बीमारी का इलाज अभी तक दुनिया तलाश नहीं पाई है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इसकी वैक्सीन तैयार होने में कम से कम दो वर्ष का समय और लगेगा।



Zika Virus के viral होने के कारण


WHO (World Health Organisation) ने कई जगहों पे High alert घोषित कर दिया है । राहत की बात यह है Zika Virus का अस्तित्व अभी India में कम देखनो को मिला है । इसलिए अच्छा होगा की इस Virus के चपेट में आने से पहले इससे संबंधित कई ऐसी महत्वपूर्ण जानकारियां हैं, जिन्हें आप ध्यान में रखते हुए खुद का बचाव कर सकते हैं।


Zika Virus का इतिहास |


इस वायरस का संक्रमण सबसे पहले , वर्ष 1947 में यूगांडा स्थित जिका के जंगलों के बंदरो में देखा गया था । जिस वजह से इस वायरस का नाम जिका पड़ा था। इसका वाहक yellow fever फ़ैलाने वाला मच्छर,- एडीज ऐजिप्टी तथा एशियन टाइगर मच्छर है। पहली बार 1954 में इंसानों के शरीर में इस वायरस के लक्षण देखनो को मिला था । हालांकि कुछ समय पहले तक Zika Virus मानव जाति के लिए कोई बड़ा खतरा साबित नहीं हुवा था । इसी वजह से कभी वैज्ञानिकों ने इसकी वैक्सीन को विकसित करने के बारे में नहीं सोचा।


जिका वायरस के लक्षण और उपचार


Zika Virus के अभी तक अमूमन लक्षण,अन्य मच्छर जनित रोगों, डेंगू और चिकनगुनिया के तरह ही देखा जा रहा है । जीका वायरस से संक्रमित होने पर लक्षण 2 से 7 दिन बाद ही दिखता हैं। अभी तक के अध्यन से इसके लक्षण सामने आ पाया है


हल्का सिरदर्द
बुखार
बेचैनी
जोड़ों का दर्द
नेत्रश्लेष्मलाशोथ (लाल आँखें)
मांसपेशियों में दर्द और सिर दर्द


Zika Virus का संक्रमण कैसे फैल रहा है |


इसका वाहक येलो फीवर फ़ैलाने वाला मच्छर, एडीज ऐजिप्टी तथा एशियन टाइगर मच्छर है। एशियन टाइगर मच्छरों के द्वारा ही डेंगू और चिकनगुनिया फैलते हैं ।



Zika Virus के इलाज |


आज के समय में तो इस वायरस से लड़ने का फिलहाल कोई इलाज या टीका उपलब्ध नहीं है। फिलहाल कुछ एहतियात और सावधानिया बरतकर ही इससे बचा जा सकता है ।


* मच्छरों से दूर रहना ही इससे बचने का सबसे कारगर उपाय है । इसलिए मच्छरों के काटने से बचने के लिए रेप्लेंट क्रीम, मच्छरदानी, आदि का प्रयोग करें।
* अगर इससे जुड़े किसी भी प्रकार का लक्ष्ण देखनो को मिले तो तुरंत ही किसी Doctor से Concern करे ।
* किसी भी ऐसी Medicine दवा का सेवन किसी Doctor से Concern करने से पहले न करे जो की दर्द और बुखार से राहत देता हो ।
* लक्षणों से राहत पाने के लिए, आराम करें।
* पानी का सेवन करें जिससे डीहाईड्रेशन न हों।
* लोगों को और विशेषकर गर्भवती महिलाओं को उन स्थानों की यात्रा से बचना चाहिए जहाँ पर इसका संक्रमण फैला हुआ है। इसलिए कही भी यात्रा करने से पहले इसका खासकर ध्यान रखे ।
* फिलहाल एक सर्वे तक इसका प्रभाव प्यूर्टो रिको, मेक्सिको और दक्षिण अमेरिका में 20 अन्य देशों, मध्य अमेरिका, कैरिबियन, प्रशांत द्वीप समूह, और अफ्रीका में देखनो को मिल रहा है ।
* समय-समय पर कीटनाशक दवाइयों का छिडकाव कराये|
* बार-बार हाथ-पैर धोये|
* किसी भी प्रकार की गन्दगी ना रखे ना ही होने दे|* बाहर के पेकिंग खाद्य पदार्थो का उपयोग ना करे|* किसी भी प्रकार की लापरवाही ना बरते, विशेष रूप से गर्भवती महिलाएं व नवजात शिशु और उनकी माता|



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