जाने कुछ मान्यताये और वैज्ञानिक तर्क(Scientific Reason Of Old Beliefs)


एक गोत्र में शादी क्यों नहीं ?


वैज्ञानिक कारण 


एक दिन टीवी पर जेनेटिक बीमारियों से सम्बंधित एक प्रोग्राम आ रहा था जिसमे एक अमेरिकी वैज्ञानिक ने कहा की जेनेटिक बीमारियों से बचने का एक ही उपाय है " सेपरेशन ऑफ़ जीन्स " मतलब अपने नजदीकी रिश्तेदारों में विवाह नहीं करना चाहिए ।क्योकि नजदीकी रिश्तेदारों में जीन्स सेपरेट नहीं हो पाता।और जीन्स से जुड़ी बीमारियां जैसे हिमोफिलिया ,कलर ब्लाइंडनेस और एल्बोनिज़म होने के 100 % चांस होते है और यही कारण है की शादियां एक गोत्र में नहीं होती ताकि जीन्स सेपरेट रह सके ।

1 . कान छिदवाने की परंपरा


भारत में लगभग सभी धर्मो में कान छिदवाने की परंपरा है


वैज्ञानिक कारण - कान के बाले एक ऐसा गहना है जो आदमी और औरत दोनों द्वारा पहना जाता है जिसके कई प्रकार है बाली ,टॉप्स ,लटकन और झुमके, भारतीय चिकित्सकों और दार्शनिकों का मानना है कि कान भेदी बुद्धि, सोच की शक्ति और निर्णय लेने जैसे कार्यो के विकास में मदद करता है।और यही वो बड़ा कारण होता था की पुराने ज़माने में हर किसी को चाहे वो पुरुष हो या स्त्री कान भेदी कराना पड़ता था और इसको एक प्रथा माना जाता था


2 . माथे पर कुमकुम या तिलक


महिलाएं हो या पुरुष पहले सभी माथे पर तिलक लगाया करते थे


वैज्ञानिक कारण



 हमारे माथे पर दोनों भोहों के बीच में जो जगह होती है वो मानव शरीर की मुख्या तंत्रिका का केंद्र मानी जाती है बिन्दी हमारे शरीर की ऊर्जा की हानि को रोकने के लिए और हमारे शरीर में ऊर्जा बनाए रखने के लिए एक रक्षक का काम करती है और विभिन्न जगह पर हमारी एकाग्रता बनाये रखती है यही कारण है की पहले के ज़माने में जब लोग युद्ध या किसी दिमागी परीक्षा में जाते थे तो उनको तिलक लगा कर विदाई दी जाती थी और बिन्दी या तिलक लगाने में भी मध्य-भौंह क्षेत्र और अजन-चक्र दबता है जिससे चेहरे की मांसपेशियों को भी रक्त की आपूर्ति होती है


3 . हाथ जोड़कर नमस्ते करना


नमस्ते शब्द आर्य समाज की देन है और इसके पीछे बहुत बड़ा scientific reason भी छिपा हुआ है


वैज्ञानिक कारण 


जब हम दोनों हाथो को जोड़कर और उंगलियो को भी एक दूसरे के साथ मिलाकर नमस्ते करते है (touching the tips of all the fingers together ) तो हमारी उंगलियो के tip जो हमारी आंख, कान और दिमाग के pressure points है active हो जाते है जो हमें help करते है उस आदमी को लंबे समय तक याद रखने में ।


4 . जमीन पर बैठ कर भोजन करना


जमीन पर बैठ कर भोजन करना अच्छी बात होती है


वैज्ञानिक कारण



 पालथी मारकर बैठना एक प्रकार का योगासन है इस प्रकार बैठने से हमारा मन और मस्तिष्क शांत रहता है और जब मन , मस्तिष्क शांत होते है तो भोजन पचने में भी आसानी होती है और इस पोजिशन में बैठते ही खुद बा खुद दिमाग से एक सिग्नल पेट तक जाता है की वह भोजन के लिए तैयार हो जाये ।


5 . भोजन की शुरुवात तीखे से और अंत मीठे से


जब भी हमारे घरों या कही भी कुछ बड़ा कार्यक्रम होता है तो हमेशा शुरुवात तीखे भोजन से और अंत मीठे से ही होता है


वैज्ञानिक कारण 


तीखा खाने से हमारे पेट के अंदर पाचन तत्व और अम्ल सक्रिय हो जाते है इससे पाचन तंत्र ठीक से संचालित होता है और अंत में मीठा खाने से अम्ल की तीव्रता कम हो जाती है जिससे पेट में जलन नहीं होती ।


6 . पीपल की पूजा


तमाम लोग ये सोचते है की पीपल की पूजा करने से भूत दूर भाग जाते है


वैज्ञानिक कारण



 पीपल की पूजा इसलिए की जाती है ताकि लोगो के मन में इसके प्रति सम्मान बढे और लोग इसे काटे नहीं क्योकि पीपल ही एक इस पेड़ है जो रात में भी ऑक्सीजन छोड़ता है वरना बाकि सभी पेड़ रात में कार्बन डाई ओक्ससाइड छोड़ते है ।


7 . सूर्य नमस्कार


सुबह उठकर सूर्य को जल चढ़ाने की परंपरा है


वैज्ञानिक कारण



जब हम सूर्य को जल चढ़ाते है तो पानी के बीच से होती हुई जो सूर्य की किरणें हमारी आँखों तक आती है उससे आँखों की रौशनी तेज होती है


8 . दक्षिण के तरफ सर करके सोना


दक्षिण के तरफ अगर कोई पैर करके सोता है तो लोग कहते है बुरे सपने आएंगे या भूत प्रेत का साया आएगा ।


वैज्ञानिक कारण



 जब हम उत्तर की तरफ पैर करके सोते है तो हमारा शरीर पृथ्वी की चुम्बकीय तरंगो की सीध में आ जाता है शरीर में मौजूद आयरन यानि लोहा दिमाग की तरफ संचारित होने लगता है इससे अल्जाइमर ,परकिंसन या दिमाग से जुड़ी बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है और यही नहीं रक्त चाप भी बढ़ने का खतरा होता है ।


9 . सर पर चोटी


ऋषि मुनि सर पर जरूर चोटी रखते है


वैज्ञानिक कारण 



सर पर जिस जगह चोटी रखी जाती है उस जगह पर दिमाग की सारी नसे आ कर मिलती है इससे दिमाग स्थिर रहता है और क्रोध नहीं आता और सोचने की क्षमता भी बढ़ती है ।


10 .व्रत रखना


भारत में हर धर्म में व्रत रखने की प्रथा है किसी भी पूजा या त्यौहार में लोग व्रत जरूर रखते है


वैज्ञानिक कारण



आयुर्वेद के अनुसार व्रत रखने से पाचन क्रिया अच्छी होती है और फलाहार लेने से शरीर का डिटॉक्सीफिकेशन होता है मतलब शरीर से ख़राब तत्त्व बाहर निकलते है शोधकर्ताओं के अनुसार व्रत करने से कैंसर का खतरा भी कम होता है


11 . सिन्दूर लगाना


भारतीय शादीशुदा सभी महिलाये अपनी मांग सिन्दूर से भरती है

वैज्ञानिक कारण



 सिन्दूर चूना,मरकरी और हल्दी का बना होता है यह मिश्रण शरीर के रक्त चाप को नियंत्रित करता है और इससे स्ट्रेस भी कम होता है


12 . चरण स्पर्श करना


जब भी आप किसी बड़े से मिलते है तो उसके चरण स्पर्श करते है और यह हम अपने बच्चो को भी सिखाते हैं


वैज्ञानिक कारण 


मस्तिष्क से निकलने वाली ऊर्जा हाथों और सामने वाले के पैरो से होती हुई एक चक्र पूरा करती हैं इसे कॉस्मिक एनर्जी का प्रवाह कहते हैं इसमें दो प्रकार से ऊर्जा का प्रवाह होता हैं या तो बड़े के पैरों से होते हुए छोटे के हाथों तक या फिर छोटे के हाथों से बड़ो के पैरों तक ।


13 . तुलसी के पेड़ की पूजा


तुलसी की पूजा करने से घर में सुख शांति बनी रहती हैं


वैज्ञानिक कारण



 तुलसी इम्मयून सिस्टम (immunity ) को मजबूत करती हैं और घर में इसका पेड़ होगा तो पत्तियो को भी उपयोग होगा ही और घर में सभी स्वस्थ रहेगे ।




15 अंगूठी पहनना


अंगूठी सबसे आम आभूषण है जो उंगलियों में दोनों आदमी और औरत द्वारा पहना जाता है,

वैज्ञानिक कारण



 हमारे शरीर की सभी नसें एक-दूसरे से जुडी हुई है और metal हमेशा अच्छा धातु माना जाता है हेल्थ के लिए । और अक्सर अंगूठी अनामिका यानि (ring fingar ) में ही पहनी जाती है जिसमे की एक विशेष तांत्रिक (nerve ) होती है जो मस्तिष्क के माध्यम से दिल से जुडी होती है अंगूठी निशानी भी होती है शादीशुदा होने की जो एक वादा होती है जीवन भर साथ रहने का ।


16 .मेंहदी


मेंहदी जिसको हम हीना भी कहते है हर जगह पायी जाती हैं और सभी धर्मो में लोग इसको लगाना पसंद करते हैं

वैज्ञानिक कारण



 एक बहुत ही शक्तिशाली औषधीय जड़ी बूटी है ये अक्सर शादी या किसी बड़े festival में लगाई जाती है जो की हमें कई प्रकार दिमागी तनाव से बचाती है जो हम शादी या घर में हो रहे function में feel करते है यह शरीर को ठंडा रखती है


17 . बिछिया (Toe Rings )


शादी के बाद भारतीय महिलायों को अक्सर देखा गया है पैर की दूसरी ऊँगली में रिंग पहने हुए जिसको भारतीय सभ्यता में बिछिया कहते है


वैज्ञानिक कारण



 इसमें एक विशेष तंत्रिका होती है जो गर्भाशय से जुडी होती है और दिल के पास से होकर गुजरती है इस प्रकार जब महिलाएं ये बिछिया पैर की दूसरी ऊँगली में पहनती है तो उनका गर्भाशय मजबूत होता है और बिछिया के दबाव से रक्त प्रवाह नियमित होता है जिससे उनका गर्भाशय स्वस्थ रहता है और उनको मासिक धर्म (menstrual cycle ) में भी किसी प्रकार की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता ।



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