स्वामी विवेकानंद की कही ये बातें जरूर याद रखें( Swami Vivekananda Quotes)
देश के लाखों युवा मर-मिटने को तैयार हैं। देश के लिये यह भावना अच्छी है, लेकिन हर काम और हर संकल्प के लिये जरूरी है आपके खुद के नैतिक एवं जीवन मूल्य। और इनकी बात आते ही सबसे पहले नाम जहन में आता है स्वामी विवेकानंद का।
प्रेरणा के अपार स्रोत स्वामी विवेकानंद की कही एक-एक बात हमें उर्जा से भर देती है. अपने अल्प जीवन में ही उन्होंने पूरे विश्व पर भारत और हिंदुत्व की गहरी छाप छोड़ दी. शिकागो में दिया गया उनका भाषण आज भी लोकप्रिय है और हमें हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का आभास कराता है.
स्वमी जी जीवन का एक-एक क्षण जन सेवा में लगाते थे और ऐसा ही करने के लिए सभी को प्रेरित करते थे. आइये आज हम इस महापुरुष के अनमोल विचारों को जानते हैं.
Name - Swami Vivekananda / स्वामी विवेकानंद
Born -January 12, 1863, Calcutta, Bengal Presidency, British इंडिया
Died -July 4, 1902, Belur Math near कोल्कता
Nationality -इंडियन
Field -Religion, Social वर्क
Achievement स्वामी जी ने अमेरिका और यूरोप में वेदांत के दर्शन का प्रचार-प्रसार किया. शिकागो में दिया गया उनका भाषण विश्व प्रसिद्द है, इसके माध्यम से स्वामी जी ने पूरी दुनिया में हिंदुत्व और भारत का परचम लहरा दिया था।
अपने गुरु श्री रामकृष्ण परमहंस के नाम से स्वामी जी ने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की जो आज भी बढ़-चढ़ कर सामजिक कार्यों में हिस्सा लेता है.
स्वामी विवेकानंद के अनमोल विचार ( Swami Vivekananda Quotes in Hindi)
यहाँ सर्वश्रेष्ठ अनमोल विचार ही दिए गए है जो आपके जीवन में बहुत काम आ सकते है
1.उठो जागो, रुको नहीं... उठो, जागो और तब तक रुको नहीं जब तक मंजिल प्राप्त न हो जाये।
2.अनुभव ही शिक्षक जब तक जीना, तब तक सीखना' -- अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है।
3.पवित्रता और दृढ़ता पवित्रता, दृढ़ता तथा उद्यम- ये तीनों गुण मैं एक साथ चाहता हूँ।
4.मस्तिष्क पर अधिकार जब कोई विचार अनन्य रूप से मस्तिष्क पर अधिकार कर लेता है तब वह वास्तविक भौतिक या मानसिक अवस्था में परिवर्तित हो जाता है।
5.उठो मेरे शेरो, इस भ्रम को मिटा दो कि तुम निर्बल हो, तुम एक अमर आत्मा हो, स्वच्छंद जीव हो, धन्य हो, सनातन हो, तुम तत्व नहीं हो, ना ही शरीर हो, तत्व तुम्हारा सेवक है तुम तत्व के सेवक नहीं हो.
6.ब्रह्माण्ड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं. वो हमीं हैं जो अपनी आँखों पर हाँथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अन्धकार है!
7.किसी की निंदा ना करें: अगर आप मदद के लिए हाथ बढ़ा सकते हैं, तो ज़रुर बढाएं. अगर नहीं बढ़ा सकते, तो अपने हाथ जोड़िये, अपने भाइयों को आशीर्वाद दीजिये, और उन्हें उनके मार्ग पे जाने दीजिये.
8.जिस तरह से विभिन्न स्रोतों से उत्पन्न धाराएँ अपना जल समुद्र में मिला देती हैं, उसी प्रकार मनुष्य द्वारा चुना हर मार्ग, चाहे अच्छा हो या बुरा भगवान तक जाता है.
9.अगर धन दूसरों की भलाई करने में मदद करे, तो इसका कुछ मूल्य है, अन्यथा, ये सिर्फ बुराई का एक ढेर है, और इससे जितना जल्दी छुटकारा मिल जाये उतना बेहतर है.
10.हम वो हैं जो हमें हमारी सोच ने बनाया है, इसलिए इस बात का धयान रखिये कि आप क्या सोचते हैं. शब्द गौण हैं. विचार रहते हैं, वे दूर तक यात्रा करते हैं.
11.सत्य को हज़ार तरीकों से बताया जा सकता है, फिर भी हर एक सत्य ही होगा.
12.विश्व एक व्यायामशाला है जहाँ हम खुद को मजबूत बनाने के लिए आते हैं.
13.बाहरी स्वभाव केवल अंदरूनी स्वभाव का बड़ा रूप है.
14.एक विचार लो. उस विचार को अपना जीवन बना लो – उसके बारे में सोचो उसके सपने देखो, उस विचार को जियो. अपने मस्तिष्क, मांसपेशियों, नसों, शरीर के हर हिस्से को उस विचार में डूब जाने दो, और बाकी सभी विचार को किनारे रख दो. यही सफल होने का तरीका है.
15.वेदान्त कोई पाप नहीं जानता, वो केवल त्रुटी जानता है. और वेदान्त कहता है कि सबसे बड़ी त्रुटी यह कहना है कि तुम कमजोर हो, तुम पापी हो, एक तुच्छ प्राणी हो, और तुम्हारे पास कोई शक्ति नहीं है और तुम ये-वो नहीं कर सकते.
16.तुम फ़ुटबाल के जरिये स्वर्ग के ज्यादा निकट होगे बजाये गीता का अध्ययन करने के.
17.दिल और दिमाग के टकराव में दिल की सुनो.
18.किसी दिन, जब आपके सामने कोई समस्या ना आये – आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आप गलत मार्ग पर चल रहे हैं.
19.स्वतंत्र होने का साहस करो. जहाँ तक तुम्हारे विचार जाते हैं वहां तक जाने का साहस करो, और उन्हें अपने जीवन में उतारने का साहस करो.
20.सबसे बड़ा धर्म है अपने स्वभाव के प्रति सच्चे होना. स्वयं पर विश्वास करो.
21.जो अग्नि हमें गर्मी देती है, हमें नष्ट भी कर सकती है, यह अग्नि का दोष नहीं है.
22.बस वही जीते हैं,जो दूसरों के लिए जीते हैं.
23.शक्ति जीवन है, निर्बलता मृत्यु है. विस्तार जीवन है, संकुचन मृत्यु है. प्रेम जीवन है, द्वेष मृत्यु है.
24.हम जो बोते हैं वो काटते हैं. हम स्वयं अपने भाग्य के विधाता हैं. हवा बह रही है, वो जहाज जिनके पाल खुले हैं, इससे टकराते हैं, और अपनी दिशा में आगे बढ़ते हैं, पर जिनके पाल बंधे हैं हवा को नहीं पकड़ पाते. क्या यह हवा की गलती है ?…..हम खुद अपना भाग्य बनाते हैं.
25.एक समय में एक काम करो, और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमे डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ.
26.जो तुम सोचते हो वो हो जाओगे. यदि तुम खुद को कमजोर सोचते हो, तुम कमजोर हो जाओगे, अगर खुद को ताकतवर सोचते हो, तुम ताकतवर हो जाओगे.