जानिए परवरिश करने के तरीके (Parents Hindi Tips)


घर में बच्चे का आना सबको अच्छा लगता है| बच्चे के जन्म के बाद पूरा परिवार ख़ुशी से भर जाता है| बच्चे के आने के बाद हर माता-पिता की चाहत होती है की उनका बच्चा सदैव खुश रहें, तरक्की करें और अपनी अलग पहचान बनाये| बच्चा फ्यूचर में क्या बनेगा, उसका बर्ताव कैसा रहेगा यह सब बातो की नीव बचपन में ही निर्धारित हो जाती है|


इसलिए बचपन में बच्चो की अच्छे से परवरिश होना बेहद जरुरी है| क्योकि छोटे बच्चे कच्ची मिट्टी की तरह होते हैं। आप उन्हें जैसा रूप देते है वो वैसा बन जाते हैं। बच्चो के भविष्य को सवारने और उन्हें अच्छा इंसान बनाने के लिए उनकी सही परवरिश जरूरी है।


जब बच्चे कुछ गलती करते है तो हम उनकी शरारतो के लिए उन्हें कुछ नहीं बोलते और यह कहकर छोड़ देते है की अभी बच्चा है| अभी शरारते नहीं करेगा तो कब करेगा| लेकिन हमें इस बात का ख्याल रखना है की बच्चा नटखट तो बनें पर बिगड़े नहीं|


कुछ पेरेंट्स का कहना होता है की उनके बच्चो को कितना भी डाट दे, वो सुधरने का नाम नहीं लेते है| दरहसल हर बच्चा अलग होता है। और उन्हें पालने का तरीका भी अलग होता है। यदि आपको बच्चों की सही परवरिश करना है तो आपके घर के और आसपास के हालात के मुताबिक परवरिश करे।
लगभग 90 प्रतिशत पेरेंट्स के लिए परवरिश का मतलब अपने बच्चों की खाने-पीने, पहनने-ओढ़ने और रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करना है। उन्हें लगता है की वो अपने दायित्व से मुक्त हो गए है| लेकिन क्या वे अपने बच्चों को अच्छी आदतें और संस्कार देते हैं| सही परवरिश वो है जिनसे बच्चे आत्मनिर्भर और जिम्मेदार बन सकें। आइये जाने वो तरीके क्या है|


बचपन से ही शुरुवात


हमेशा पेरेंट्स यही सोचते है की जब बच्चा बड़ा हो जायेगा तब उसे नियम सिखायेंगे| अभी तो बच्चा छोटा है| लेकिन यह गलत है उन्हें शुरू से ही अनुशासित बनाएं। क्योंकि जब बच्चा बड़ा होने लगता है तब उसे नियम में रहने की आदत डालना मुश्किल है| इसके अतरिक्त उन्हें प्यार से हर चीज़ समझाये| कुछ पेरेंट्स बच्चों को छोटी-छोटी बातों पर निर्देश देते है उनके ना समझने पर डाँटते भी है और मारते भी हैं। यह गलत तरीका है। आपका यह तरीका उन्हें जिद्दी और विद्रोही बना सकता है। इसलिए जितना हो सके प्यार से ही समझाने की कोशिश करे|


बच्चो पर ज्यादा दबाव ना डाले


बहुत से पेरेंट्स अपने बच्चे से बहुत सारी उम्मीद बांध लेते है| और किसी बात या उम्मीद का पूरा ना होने पर गुस्सा या दुख ज़ाहिर करते है| ऐसा करने के बजाए उन्हें सांत्वना दें| क्योकि ग़लतियाँ होने पर ही तो इन्सान सीखता है| यही बात अपने बच्चे को सिखाये, और उसे खुश रखे| उसे अच्छे से समझाने पर आपका बच्चा फिर से विजय प्राप्त करने की कोशिश करेगा|


हर जिद पूरी ना करे


कुछ लोगो को लगता है की उनके बच्चे को हर खुशी मिलना चाहिए| उन्हें लगता है की बच्चों को प्यार करने का मतलब है उनकी हर मांग पूरी करना। लेकिन यदि आप उनकी मांगी हुई हर चीज उन्हें देते हैं तो बड़ी बेवकूफी करते हैं। Good Parenting Tips के अनुसार यदि आप वाकई अपने बच्चे से प्यार करते हैं तो उसकी हर जिद पूरी ना करे, उसे वही दें जो जरूरी है।


उनके दोस्त बने


अपने बच्चे को किसी गलती के पीछे डाटने की बजाय उसने उस गलती के पीछे का कारण जाने| हो सकता है की आपने बच्चे ना बताये| इसलिए उनका बॉस बनने की बजाय उनसे गहरी दोस्ती करें। ऐसे में वो आपसे आसानी से बात कर सकेंगे|


खुशनुमा माहौल बनाइए


यदि आप चिंतित रहते है तो आप कैसे उम्मीद कर सकते हैं कि आपके बच्चे खुश हो कर जिएंगे। अपने माता पिता को चिंतित देखकर वो भी दुखी होते है| इसलिए सबसे अच्छी चीज जो आप उनके लिए कर सकते हैं वह यह कि आप एक प्यार-भरा खुशनुमा माहौल बनाएं।


बच्चो को समय दे


काम करने वाले पेरेंट्स के साथ यह समस्या होती है कि उनके पास अपने बच्चों के साथ बिताने के लिए समय नहीं होता है। ऐसे माता-पिता अपने वीकएंड्स को केवल अपने बच्चों के लिए रखें। और सामान्य दिनों में भी थोडा वक्त निकालकर उनके क्रियाकलापों पर ध्यान दें कि वे क्या करते हैं, उनके दोस्त कौन हैं आदि। यदि आपने ध्यान नहीं दिया तो वे बिगड़ भी सकते है|


सजा सबक का हिस्सा नहीं है


“सज़ा देने से अगर कोई सुधरता तो जेल से बाहर आने के बाद तो कोई भी अपराधी कुख्यात नहीं रह जाता और वो आदर्श होता ” इसलिए आप ये बात हमेशा ध्यान रखें कि बच्चो को सज़ा देकर आप बस केवल अपना गुस्सा उस पर उतार रहे है आप उस बात के लिए बड़े लेवल की प्रतिक्रिया कर रहे है जो आपको पसंद नहीं है | ऐसे में हो सकता है डर के मारे बच्चा आपके सामने ऐसा कुछ दोबारा नहीं करे लेकिन समय बीतने के साथ आपकी अनुपस्थिति में वो प्रयोग करने की जरूर सोचेगा और ऐसे बच्चे समय के साथ साथ माता पिता से कुछ जरुरी बाते छुपाने लगते है क्योंकि उन्हें लगता है जाहिर होने पर उन्हें घर में इसके लिए मार पड़ने वाली है इसलिए कभी कभी तो कुछ गंभीर बाते भी बच्चे अपने माता पिता से छुपाते है | इसका दुष्परिणाम सामने आने पर माता पिता पछताते है लेकिन तब कुछ बदला नहीं जा सकता है इसलिए शुरू से ही अपने बच्चो के मन से अच्छा connection बना कर रखें |


दीवार बन जाती है


अगर आप बच्चे को बात बात पर डांटते है और उसे मारते है तो ऐसे में हम बच्चो और हमारे बीचे एक दीवार खड़ी कर लेते है “डर की दीवार ” और यह आपके बच्चे को आपसे उसके जीवन से जुडी कुछ बातें या उसके अनुभव आपसे शेयर करने से रोकती है इसलिए हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि हो सकता है आपका बच्चा कोई ऐसी गलती करे जिसके लिए आपको बहुत बुरा लगे लेकिन फिर संयम बरतते हुए उसे सही और गलत के बारे में आप खुल कर बताएं | सज़ा देने की जल्दबाजी की अपेक्षा आप उसे प्यार से चीजों के बीच में फर्क समझाएं और एक ऐसा रिश्ता कायम करें जिसमे अगर आपका बच्चा कुछ गलत भी करता है तो भी आपको बता पायें |


बच्चो को सम्मान दें बड़ो की तरह


बच्चो को बहुत अधिक सिखाने की जरुरत नहीं होती है अगर आप थोडा स्मार्ट तरीके से उनके साथ पेश आते है तो क्योंकि बच्चो में उनके आस पास के माहौल से सीखने की क्षमता हम बड़ो से कंही अधिक होती है इसलिए अगर आप उनके साथ सम्मान से पेश आते है तो वो भी ये सीखते है कि छोटो के साथ भी सम्मान से पेश आना चाहिए | ऐसे में आप बिना किसी अधिक मेहनत के जिन्दगी के कई महत्वपूर्ण पाठ उन्हें सिखा सकते है |


जो काम आप अपने बुजुर्गों के सामने नहीं करते वह कार्य अपनी संतान के सामने भी न करें।


एक बात हमेशा याद रखें जो अपेक्षा आप अपनी संतान से रखते हैं वैसी ही अपेक्षा आपके अभिभावक आपसे रखते है।


तो ये है “Parents Hindi Tips” बच्चो के पालन पोषण से जुडी कुछ बातें और उम्मीद करती हूँ पेरेंट्स के लिए ये उपयोगी सिद्ध होंगी ।




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