बच्चो में बढ़ता माइग्रेन(Migraine in children increases)


माइग्रेन न्युरोलोजिकल डिसऑर्डर है आज की आधुनिक जीवनशैली के दुष्प्रभाव से बच्चे भी नहीं बच पाए है ।भोजन संबंधी गलत आदते ,पढ़ाई का दबाव और दोस्तों के साथ बढ़ते कॉम्पटीशन की भावना आदि कई कारण है जिसकी वजह से आज कल बच्चे माइग्रेन का शिकार हो रहे है ''माइग्रेन एक दिमागी बीमारी है दिमाग के संकेत मिलने के बाद ब्लड वेसल्स के आस पास नयूरो कैमिकल रिलीज होता है इससे वेसल्स का डायमीटर बढता है और दिमाग की नसों पर खिंचाव आने लगता है पेन सेण्टर को यह संकेत मिलने पर सर में दर्द शुरू हो जाता है

क्यों होता है माइग्रेन
1 दिमाग के रसायन [सेरोटोनिन ]में कमी आने के कारन माइग्रेन होता है जब यह रसायन एक स्तरसे कम हो जाता है तो रक्त वाहिकाएं फैलने लगाती है और ऐसे में दर्द शुरू हो जाता है


2 माइग्रेन एक जेनेटिक बीमारी है अतः जिन अभिभावकों को यह समस्या होती है उनके बच्चो में माइग्रेन होने की संभावना अधिक होती है


3 ज्यादातर बच्चे खाने के प्रति लापरवाह होते है समय पर खाना न खाने के कारण उनको माइग्रेन हो सकता है


4 मॉर्डन लाइफस्टाइल के चलते अधिकतर बच्चे रात को देर से सोते है इसलिए अनिद्रा के कारण भी उन्हें माइग्रेन की समस्या हो सकती है


5 अभिभावकों द्वारा बच्चो पर पढ़ाई और परीक्षाओ में ज्यादा मार्क्स लाने के दबाव के कारण भी बच्चो में माइग्रेन हो सकता है


६ खान पान,हार्मोनल,रासायनिक और पर्यावरण से जुड़े बाहरी कारण भी माइग्रेन के लिए जिम्मेदार है


७ कुछ बच्चो को खास परिस्थितियों से एलर्जी होती है अगर वे इन परिस्थितियों में अधिक समय तक रहेगे तो उन्हें माइग्रेन हो सकता है


लक्षण
१ आँखों के आगे अँधेरा छाना या धुंधला दिखाई देना
२आखो के सामने आदि तिरछी रेखाएं दिखाई देना
३सिर के सामने के हिस्से और आखो के आस पास तेज दर्द होना
४गर्दन के एक हिस्से में दर्द होना
५ जी मचलाना ,पेट दर्द होना उल्टियां होना ,शरीर में कमजोरी आना
६ तेज आवाज तेज रोशनी और किसी विशेष गंध को सहन न कर पाना
७ सुस्ती और कार्यक्षमता में कमी


सावधानियॉ
1बच्चे की खानपान संबंधी चीजो की जाँच करे जिन चीजो को खाने से माइग्रेन होता है उसे बच्चे की डाइट में शामिल न करे
2 इस बात का धयान रक्खे की बच्चा ज्यादा देर तक भूखा न रहे हर ६ घंटे में कुछ खाने को दे
३ मातापिता अपनी परेशानियों को बच्चो के तनाव का कारण न बनाने दे
४ बच्चे को ज्यादा देर तक टीवी और कंप्यूटर के सामने न बैठने दे
५ पढ़ाई के लिए स्टडी टेबल पर रोशनी की सही व् पर्याप्त व्यवस्था करे
६नियमित रूप से व्यायाम की आदत डाले
7बहुत देर तक पढ़ाई न करने दे उसे बीच बीच में थोड़ा टहलने व् ब्रेक लेने को कहे


कैसी हो डाइट
1 बच्चो को नाश्ते में नारियल पानी जूस और फल दे
2 दोपहर के भोजन में बच्चो को प्रोटीन से भरपूर डाइट दूध ,दही पनीर दालें मांस और मछली दे
3 डिनर में चोकर युक्त रोटी चावल आलू जैसी स्टार्च वाली चीजो के साथ सलाद भी खाने में दे
४ केले के तने का जूस माइग्रेन से निजाद दिलाने में सहायक है 5 इसके अतिरिक्त हरी पत्ते दार सब्जियों का सेवन भी लाभकारी होता है 6 चाय कॉफी और मसाले दार भोजन न दे 7 जंक फ़ूड पिज़ा ,बर्गर पास्ता कोल्ड ड्रिंक आदि का चलन आजकल बहुत है जिसमे मैदे का प्रयोग किया जाता है उससे दूर रहे 8 योग ,एक्यूप्रेशर व् मैडिटेशन से माइग्रेन में काफी राहत मिलती है ।



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