क्या होगा यदि धरती पर 5 सेकंड के लिए ऑक्सीजन न रहे(What Would Happen If The Earth Lost Oxygen For 5 Seconds?)


ऑक्सीजन या प्राणवायु या जारक (Oxygen) रंगहीन, स्वादहीन तथा गंधरहित गैस है। इसकी खोज, प्राप्ति अथवा प्रारंभिक अध्ययन में जे. प्रीस्टले और सी. डब्ल्यू. शेले ने महत्वपूर्ण कार्य किया है। यह एक रासायनिक तत्त्व है। सन् १७७२ ई. में कार्ल शीले ने पोटैशियम नाइट्रेट को गर्म करके आक्सीजन गैस तैयार किया, लेकिन उनका यह कार्य सन् १७७७ ई. में प्रकाशित हुआ। सन् १७७४ ई. में जोसेफ प्रिस्टले ने मर्क्युरिक-आक्साइड को गर्म करके ऑक्सीजन गैस तैयार किया। एन्टोनी लैवोइजियर ने इस गैस के गुणों का वर्णन किया तथा इसका नाम आक्सीजन रखा, जिसका अर्थ है - 'अम्ल उत्पादक'।

जीवित प्राणियों के लिए आक्सीजन अति आवश्यक है। इसे वे श्वसन द्वारा ग्रहण करते हैं। द्रव ऑक्सीजन तथा कार्बन, पेट्रोलियम, इत्यादि का मिश्रण अति विस्फोटक है। इसलिए इनका उपयोग कड़ी वस्तुओं (चट्टान इत्यादि) के तोड़ने में होता है।
जीवन के लिए ऑक्सीजन सबसे अनिवार्य आवश्यकताओं में से एक है जिस प्रकार जीव धरती पर बिना पानी और भोजन के जीवित नहीं रह सकते उसी प्रकार ऑक्सीजन के बिना भी वे जीवित नहीं रह सकते श्वसन की मदद से मंनुष्य भोजन से ऊर्जा प्राप्त करता है इस प्रक्रिया में ऑक्सीजन बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है ऑक्सीजन कई प्रकार से उपयोगी होता है जहाँ उद्योगों में इसका प्रयोग सल्फ्यूरिक एसिड एवं नाइट्रिक एसिड बनाने में किया जाता है औद्योगिक क्षेत्र में ऑक्सीजन का प्रयोग धातुओ को काटने ,वेल्डिंग करने और गलाने में किया जाता है वायुमंडलीय ऑक्सीजन का प्रयोग औद्योगिक कार्यो ,जनरेटरों और जहाजो के लिए ऊर्जा पैदा करने के लिए किया जाता है व्यावसायिक स्तर पर इस्पात उद्योग में वात्य भट्टी में लोह इस्पात तैयार करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है यदि हमारे वायुमंडल से ऑक्सीजन समाप्त हो जाये तो इसका नतीजा विनाशकारी होगा


आपने कभी कल्पना की है कि यदि पृथ्वी से 5 सेकंड के लिए भी ऑक्सीजन विलुप्त हो जाये तो क्या होगा


1 महासागर और अन्य जल निकट का वाष्पन शुरू हो जायेगा और सारा जल भाप बनकर अंतरिक्ष में फ़ैल जायेगा


पानी (H2O )हाइट्रोजन और ऑक्सीजन से मिलकर बनता है और वायुमंडल में 33% ऑक्सीजन है यदि पानी में ऑक्सीजन न हो तो सभी तत्वो में सबसे हल्का होने कि वजह से हाइट्रोजन शोभमंडल तक पहुच जायेगा और वायुमंडलीय पलायन के माध्यम से धीरे धीरे अंतरिक्ष में पहुच जायेगा


2 प्रत्येक व्यक्ति के भीतरी कान के परदे फट जायेगे


ऑक्सीजन कि कमी के कारण एक पल में ही हमारे आस पास मौजूद हवा का दबाव 21%कम हो जायेगा जो समुद्र तल से करीब 2000 मीटर कि उचाई से छलांग लगाने के बराबर होगा ऑक्सीजन कान के पर्दो को दबाव में होने वाले बदलावों के अनुकूल बनता है अतः ऑक्सीजन कि अनुपस्थिति के कारण सुनने संबंधी गंभीर बीमारियां होने कि संभावना बढ़ सकती है


3 कंक्रीट से बनी इमारते या अन्य संरचना धुल में या टुकड़ो में बदल सकती है


पृथ्वी कि ऊपरी परत में 45 % ऑक्सीजन होता है और ऑक्सीजन के बिना योगिक अपनी कठोरता नहीं बनाये रख सकते है जिसके कारण हमारे नीचे कि धरती गायब हो जाएगी और हम आसानी से गिरने लगेंगे इसलिए ठोस संरचनाओं के लिए ये बेहद महत्वपूर्ण स्त्रोत है


4 दिन के समय आकाश काला हो जायेगा


हम सभी जानते है कि हवा में मौजूद प्रकाश कणो(धुल,ऑक्सीजन अणु,अशुद्धियां आदि )से परावर्तित होने के कारण सूर्य कि रोशनी पृथ्वी तक पहुचती है ऑकसीजन कि अनुपस्थिति का अर्थ है कि प्रकाश कि किरणे परावर्तित नहीं होंगी जिसके कारण आकाश लगभग काला दिखने लगेगा


5 समुद्र के किनारे रहने वाले लोगो को धूप से अत्यधिक जलन (sun burn ) होगी


ऐसा इसलिए कि ऑक्सीजन कि अनुपस्थिति में सूर्य से आने वाली पराबैगनी किरणों को ओज़ोन (ऑक्सीजन के 3 अणु )परत पृथ्वी कि सतह में प्रवेश करने से नहीं रोक पाएंगे अगर पराबैंगनी किरणे पृथ्वी कि सतह में प्रवेश करेंगी तो हम टोस्ट के जैसे हो जायेंगे या टोस्ट जैसे दिखने लगेंगे


6 ऑक्सीजन कि परत धातुओ को आपसी संपर्क के द्वारा एक दूसरे से जुड़ने से रोकती है


धातुओ पर ऑक्सीजन कि परत चढाई जाती है इसकी वजह से संपर्क में आने पर वे एक दूसरे से नहीं चिपकते है और निर्वात स्थिति में धातु किसी मध्यवर्ती तरल पदार्थ कि सहायता के बिना आपस में जुड़ जाते है यह सिद्धांत शीत वेल्डिंग(कोल्ड वेल्डिंग)में इस्तेमाल किया जाता है


7 पानी का एक तिहाई हिस्सा ऑक्सीजन होता है और इसके बिना हाइड्रोजन गैसीय रूप में बदल जायेगा और इसका आयतन बढ़ जायेगा


8 आतंरिक दहन इंजन वाले वाहन कम करना बंद कर देंगे


ऑक्सीजन के बिना विमान जमीन पर गिर जायेगे यहाँ तक कि आतंरिक दहन इंजन पर निर्भर करने वाले सभी कार या वाहन ऑक्सीजन के बिना रुक जायेंगे क्योकि ऑक्सीजन के बिना दहन संभव नहीं इसकी वजह से विमान हेलीकॉप्टर और अंतरिक्ष अन्य सभी आसमान से जमीन पर गिर जायेगे



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